SSC में गड़बड़ियों से फूटा छात्रों का गुस्सा, अब ‘दिल्ली कूच’ बन गया है युवाओं की लड़ाई का प्रतीक!

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“पेपर भी दिया, मेहनत भी की, नंबर भी आए – फिर क्यों नहीं मिली नौकरी?” ये सवाल अब सिर्फ सोशल मीडिया पर नहीं, बल्कि दिल्ली की सड़कों पर गूंज रहा है। SSC (Staff Selection Commission) की लगातार लापरवाही और सिस्टम की नाकामी से हज़ारों छात्रों का सब्र टूट चुका है। अब ये युवा चुप नहीं बैठने वाले, बल्कि “दिल्ली कूच” कर सरकार से जवाब मांग रहे हैं।

पिछले कुछ महीनों में SSC द्वारा आयोजित परीक्षाओं में जो हालात सामने आए हैं, वह देश के करोड़ों प्रतियोगी छात्रों के सपनों के साथ मज़ाक जैसा लगता है। कहीं पेपर लीक हो गया, कहीं परीक्षा ही टाल दी गई, तो कहीं रिजल्ट समय पर नहीं आया। छात्रों का कहना है कि पारदर्शिता पूरी तरह खत्म हो चुकी है और भर्ती प्रक्रिया में भारी गड़बड़ियाँ हो रही हैं।

क्या है छात्रों की मांग?


छात्रों की मांगें सीधी और साफ़ हैं – समय पर परीक्षा हो, रिजल्ट में देरी न हो, और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो। इसके अलावा, कई छात्र यह भी चाहते हैं कि SSC द्वारा पहले घोषित सीटों को कम न किया जाए और रिजर्व लिस्ट को समय रहते जारी किया जाए। उनका कहना है कि अगर UPSC जैसी संस्थाएँ बिना गड़बड़ी के परीक्षा आयोजित कर सकती हैं, तो SSC क्यों नहीं?

सोशल मीडिया से सड़कों तक पहुंची आवाज़


इस आंदोलन की शुरुआत सोशल मीडिया से हुई थी, जहां #SSC_Mismanagement, #JusticeForAspirants जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लेकिन अब यह वर्चुअल नहीं, रियल मूवमेंट बन चुका है। छात्र दिल्ली में सड़कों पर उतर चुके हैं, हाथों में तख्तियाँ, चेहरों पर गुस्सा और दिल में उम्मीद लिए हुए। कई राज्यों से छात्र ट्रेनों और बसों से दिल्ली पहुंचे हैं ताकि अपनी आवाज़ सरकार तक पहुँचा सकें।

सरकार की चुप्पी से और भड़के छात्र


सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इस गंभीर मुद्दे पर सरकार और SSC की ओर से अब तक कोई ठोस बयान नहीं आया है। छात्रों का कहना है कि अगर अब भी उनकी बात नहीं सुनी गई, तो यह आंदोलन और तेज़ होगा। यह सिर्फ रोजगार की नहीं, देश के भविष्य की लड़ाई है, और जब युवाओं का हक छीना जाए, तो आवाज़ बुलंद होना तय है।

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